सूर्य को जल नहीं देना चाहिए जब व्यक्ति बाथरूम जा रहा हो या शौचालय का उपयोग कर रहा हो, क्योंकि इस समय शुद्धता बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है। सूर्य को जल देना धार्मिक रूप से पवित्र माना जाता है, और इसे नापाक या अशुद्ध स्थानों में न जाकर उचित रखना चाहिए।
दूसरा, सूर्य को जल नहीं देना चाहिए जब व्यक्ति अपशकुन (शौकिनी) की स्थिति में हो, जैसे कि मृत्यु के समय या श्राद्ध के दिनों में। इस समय परंपरागत धार्मिक आदतों के अनुसार सूर्य को जल नहीं दिया जाता है।
तीसरा, सूर्य को जल नहीं देना चाहिए जब व्यक्ति अन्धकार (रात्रि) के समय हो, क्योंकि सूर्य पूजा और उसे जल देना दिन की शुरुआत में किया जाता है और रात्रि के समय यह क्रिया नहीं की जाती है।
इन अवस्थाओं में सूर्य को जल न देना हिन्दू धर्म में सामाजिक और धार्मिक आदतों का पालन करने का हिस्सा है।
सूर्य को जल देने के नियम : सूर्य को प्रबल करने के उपाय
जब आप कभी भी सोकर उठते हैं, तो रवि भगवान को जल नहीं चढ़ा सकते हैं। इसके बजाय, सूर्य को उदय होने के एक घंटे के अंदर अर्घ्य देना चाहिए, जो हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पूजा रीति है। यह क्रिया सूर्य के उदय के समय मानी जाती है ताकि सूर्य देवता को समर्पित भाव से पूजा जा सके।
हालांकि, यदि आपको सुबह जल चढ़ाने की सुविधा नहीं है, तो आप सूचना के अनुसार सूर्य को सुबह तक जल चढ़ा सकते हैं। इसमें कोई अशुद्धि नहीं है, क्योंकि सूर्य को पूजन उसके उदय के समय को ध्यान में रखता है और भक्ति के साथ किया जाता है।
धर्मिक दृष्टिकोण से, सूर्य को जल देना एक आदर्श रीति है जो आत्मा को दिव्यता की ओर प्रवृत्ति करने में मदद कर सकती है। यह एक सांस्कृतिक परंपरा है जो जीवन को आध्यात्मिक और धार्मिक मूल्यों के साथ जीने की शिक्षा देती है।
इसलिए, जब भी संभावना हो, सूर्य को उदय होने के एक घंटे के अंदर अर्घ्य देना अच्छा है, लेकिन आपको व्यवस्था के अनुसार सुबह तक भी इस पूजा को कर सकते हैं।
सूर्य को जल देने के फायदे : सूर्य को प्रबल करने के उपाय
मान-सम्मान का बढ़ना
सूर्य को जल चढ़ाने से व्यक्ति का मान-सम्मान बढ़ता है। यह प्राचीन विधि हमें हमारे आस-पास के लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की सलाह देती है।
ऊर्जा का बढ़ना
सूर्य को जल चढ़ाने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। यह हमें दिनचर्या के कार्यों को बेहतर ढंग से संपन्न करने में मदद करता है।
शुद्धता का अनुभव
सूर्य को जल चढ़ाने से शरीर, मन, और आत्मा शुद्ध हो जाती है और सुख-समृद्धि बनी रहती है। यह हमें एक शुद्ध और संतुलित जीवन जीने की दिशा में मार्गदर्शन करता है।
दैवीय शक्तियों का आशीर्वाद
सूर्य को जल चढ़ाने से व्यक्ति को समस्त दैवीय शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह हमें अच्छे और सकारात्मक विचार करने की क्षमता प्रदान करता है।
ग्रहों का संतुलन
सूर्य को जल चढ़ाने से सूर्य के साथ-साथ सभी नौ ग्रह मज़बूत हो जाते हैं। यह हमें भाग्यशाली और समृद्ध जीवन की दिशा में मार्गदर्शन करता है।
समस्याओं का समाधान
सूर्य को जल चढ़ाने से जीवन की लगभग हर समस्या का समाधान किया जा सकता है। यह हमें आने वाली चुनौतियों को स्वागत करने की क्षमता प्रदान करता है।