कर्ण पिशाचिनी का इतिहास : कर्ण पिशाचिनी कौन है ———
karna pishachini effects के बारे मे हम यह बात करेंगे | आपने karna pishachini effects के बारे मे कई जगह पढ़ा होगा | तो आपके मन मे भी ये सवाल आया होगा की karna pishachini effects का इतिहास क्या हे | भारत युग कई संत महातमा ने इस धरती पे जन्म लिया और अपने लोक को चले गए | आज वो हमारे लिय पूजनीय हे | हम उनकी पूजा करते हे |
karna pishachini effects भी उन्ही मे से हे | बस फर्क ये हे की उसको देवी -देवताओ द्वारा श्राप मिलने के कारण वो पिशाचिनी बन गई | पुराने शास्त्रों मे बताया गया हे की Karna Pishachini को देवी का ही दर्जा प्राप्त हे | लेकिन वो हे तो पिशाचिनी | जिस तरह देवी देवता से हम अच्छे कार्य करने के लिय उनकी पूजा पाठ करते हे | एक शुद्ध वातावरण मे , शुद्ध कार्य | वही इसके उलट karna pishachini effects को अघोड़ी लोग पूजते हे , कर्ण पिशाचिनी तांत्रिक पूजा द्वारा सिद्ध की जाती हे कर्ण पिशाचिनी को लोग बुरे कार्य करने के लिय लोग पूजते हे |
कर्ण पिशाचिनी भी देवी ही होती हे | और वो भी देव लोक मे ही निवास करती करती हे | मगर किसी कारण वस उन्हे जी देवी देवताओ से श्राप जो मिला हे | उस कारण से एक आम इंसान उन्हे कुछ दिनों कई तपस्या से अपने वस मे कर लेता हे | ———-ऐसा लोगों को लगता हे की हमने कर्ण पिशाचिनी सिद्ध की हे | तो क्या सच मे ऐसा हे आइए जानते हे —-
कर्ण पिशाचिनी सिद्ध केसे करे : karna pishachini effects
कर्ण पिशाचिनी को सिद्ध करना इतना आसान भी नहीं हे | जितना लोग सोच के आ रहे हे | सिद्ध करने करने मे भी आपकी जान जा सकती हे | आपके परिवार की जान जा सकती हे | क्युकी आने एक बार ये तांत्रिक कार्य करने की सोच ही ली हे तो चाहे जो भी हो जाए आपको ये कार्य सिद्ध करना ही हे |
लोग तो यहा भूत की फिल्म एक बार देख ले तो washroom भी अकेले नहीं जा सकते | तो आप तो सीधे नंगी आँखों से एक कर्ण पिशाचिनी के दर्शन करने जा रहे हो | इसके लिय आपको 21 दिन या 41 दिन लगते हे इस साधना की सिद्धि के लिय | इसके लिय आपको एक आकांत जगह की जरूरत पड़ेगी | जहा आपको कोई भी आपसे ये न पूछे की आप क्या कर रहे हो , इतनों दिनों से कहा गायब थे | दिखते क्यू नहीं |
कहना का मतलब हे की इस साधना को करने से पहले किसी को नहीं बताना हे की आप क्या करने जा रह हो | साधना करते वक्त आपको किसी को नहीं बताना हे की आप क्या कर रहे हो | साधना हो जाने के बाद भी आपको किसी को नहीं बताना हे की आपने किस चीज की साधना की हे | |
हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे
अब आपको एक एकांत स्थान पे जाना हे | चाहे कोई जंगल हो या कोई कमरा बस आपकी खोज खबर लेना वाला कोई न हो| उस स्थान मे किसी देवी देवता की मूर्ति नहीं होनी चाहिये | जीतने दिन ये साधना चलेगी उतने दिन आपको अपने पास अपने खाने – पीने का राशन खरीद के रख लेना हे | क्युकी आपको उतने दिन तक उसी जगह पे रहना हे | चाहे 21 दिन की साधना हो या 41 दिन की साधना हो |
इस साधना को करने से पहले आप एक गुरु जरूर बना ले | क्युकी आपके गुरु इस साधना मे आने वाली परेशानी या कोई रुकावट आ रही होगी तो आपको वो सही मार्ग जरूर दिखाएंगे | क्युकी इस साधना को करते वक्त गलतिया जाती हे | गुरु की आज्ञा लेकर आप ये साधना करते हे तो आप जरूर सफल होंगे और इस साधना के बारे मे आपको और भी विस्तार से बता पाएंगे |
चलो अब आप 21 दिन की साधना का संकप लेते हो तो अब बताते हे क्या क्या करना होता हे | आपको रोज रात को 11 बजे के बाद ये साधना चालू करनी परती हे | कई ज्ञानी कहते हे की इस साधना को करते वक्त आपको न तो ब्रश करना हे और न ही नहाना हे |
जहा आप ये साधना करते हे | उसी कमरे मे आपको अपना मल – मूत्र त्यागना हे | और उसी कमरे मे सोना भी हे | आपको एक लाल कपड़ा लेना हे और उसका आसन बिछाना हे | उस लाल कपड़े के ऊपर बेठ कर , आप एक गाय के घी का दीपक जलाना हे | और आपको दिए हुय मंत्रों का 1100 बार जाप करना हे | आपको कोई वस्त्र धारण नहीं करना हे |
कर्ण पिशाचिनी कितने दिन में सिद्ध हो जाती है?
कर्ण पिशाचिनी मंत्र क्या हे? : karna pishachini mantra
ॐ नम: कर्णपिशाचिनी अमोघ सत्यवादिनि मम कर्णे अवतरावतर अतीता नागतवर्त मानानि दर्शय दर्शय मम भविष्य कथय-कथय ह्यीं कर्ण पिशाचि | इस मंत्र को आपको रोज रात के 11 बजे के बाद रुद्राक्ष की माला से 1100 बार जाप करना हे | मतलब इस मंत्र का आपको 1100 बार जाप करना हे | आप इस मंत्र को 11 ,21 या 41 बार जाप कर सकते हे | जिस भी प्रकार आपके गुरु ने आपको बताया हो |
( इस मंत्र का जाप खतरनाक हो सकता हे jyotishsgems.com की टीम इस दिए हुय मंत्र की कोई जिम्मेदारी नहीं लेता हे | )
कर्ण पिशाचिनी से छुटकारा कैसे पाएं :
Karna Pishachini से छुटकारा प सकते हे |
कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव :
Karna Pishachini Sadhana का अनुभव तो कभी किया नहीं हे और न ही काभी करेंगे मगर इधर उधर की कहानिया सुने जो सच हो नहीं सकती हे | और झूठ भी हो सकती हे आपके मानने न मानने के ऊपर सारी बात |
बात हे आज से कोई 35-40 साल पहले की उनका हरिद्वार में बहुत नाम था। हरिद्वार के ज्वालापुर के मधुसूदन शर्मा का नाम आपमें से किसी ने हो सकता है सुना हो। कारण था कि जो भी उनके सामने आता उसका भूत, भविष्य, वर्तमान उनको पता चल जाता था। शर्मा जी ने यही कर्ण पिशाचिनी सिद्ध की हुई थी।
मधुसूदन शर्मा ने खुद अपने अपनी कहानी किसी किताब मे लिखी हई थी | क्युकी किसी को बता तो सकते हे नहीं | में अपनी की हुई इस घृणित साधना का वर्णन किया था कि कैसे उन्होंने साधना काल में अपने मल मूत्र का सेवन किया था क्योंकि उनको साधना देने वाले गुरु ने कहा था कि, भूख लगे तो अपना मल खा लेना और प्यास लगे तो मूत्र पी लेना। मधुसूदन ने वैसा ही किया और सिद्धि प्राप्त की।
मधुसूदन उस ज़माने में एक दिन में ही 3-4 हज़ार रोजाना ले लेते थे। शर्मा जी ने शादी नहीं की क्योंकि अब कर्ण पिशाचिनी ही उनकी पत्नी थी और हर समय इनके साथ रहती थी। और स्वर्ग का सुख भोग रहे थे | उस Karna Pishachini के साथ | जेसे जेसे समय बीता मामला खराब होता चला गया |
कुछ सालों में ही मधुसूदन को कैंसर रोग हो गया। मृत्यु के बाद उनकी मृतक देह से बहुत ही भयंकर दुर्गन्ध उत्पन्न हो गई थी क्योंकि कर्ण पिशाचिनी साधक की मृत्यु होने पर उसकी देह में दुर्गंध पैदा कर देती है। शमशान घाट भी लोग बड़ी मुश्किल से लेकर गए क्योंकि दुर्गन्ध अति तीव्र थी।
अब आप देखो शर्मा जी ने Karna Pishachini को को बीवी के रूप मे सिद्ध किया हुआ था | अब जेसे बीवी के साथ रहा जाता हे | वेसे ही रहना पड़ेगा | मतलब की आपके DNA मे Karna Pishachini घुस गई | अब वो हे क्या एक पिशाचिनी हे वो आपके शरीर के खोखला कर देती हे धीरे धीरे | आपके खून का गंदा कर देती हे |
एक बार आपने Karna Pishachini सिद्ध कर ली तो उसके बाद वो आपकी आत्मा को 1000 सालों तक अपना गुलाम बना कर रखती हे | और उसी गुलामी से अपने आने वाले नए साधक की हर मनोकामना पूर्ण करती हे ||||||||||||||||||
नोटिस (disclaimer ) — इस ब्लॉग को लिखने का मतलब सिर्फ ये था मेरा की जो आज कल यूट्यूब पे इधर उधर कर्ण पिशाचिनी को सिद्ध करने के लिय लोगों को भटका रहे हे न | उससे जरा बच के रहे जिंदगी एक बार मिलती हे | बार बार नहीं मिलती |
देवी देवता की पूजा करे न की ऐसे कर्ण पिशाचिनी की |
इस ब्लॉग को पढे और भूल जाए इस तरह का कोई ब्लॉग था भी |
|| जय बजंगबली ||
1 thought on “karna pishachini effects : कर्ण पिशाचिनी साधना करना जितना आसान सोचा था उतना हे नहीं |”