पीला पुखराज पहनने की विधि : धन , किस्मत , कामयाबी सभी की अकेले की एक चाबी हे पुखराज

पुखराज पहनने के फायदे और नुकसान:

ज्योतिष के अनुसार,  पीला पुखराज पहनने की विधि जानना बहुत जरूरि हे | पुखराज पहनने से अनेक शुभ प्रभाव होते हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है धन और संपत्ति में वृद्धि। पुखराज चांदी में पहनना चाहिए और  यह रत्न धन की वृद्धि में सहायक होता है और व्यक्ति को आर्थिक स्थिति में सुधार करने में मदद करता है।

पुखराज एक शक्तिशाली रत्न है जो विवाह से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। ज्योतिष के अनुसार, इस रत्न की ऊर्जा विवाही जीवन में सुख-शांति लाने में सक्षम है।

पुखराज पहनने से व्यक्ति का मानवीय और आध्यात्मिक दृष्टिकोण बढ़ता है। यह रत्न व्यक्ति को आत्मा के साथ जोड़कर उच्च आध्यात्मिक अनुभव में सहायक हो सकता है।

पुखराज का धारणा शिक्षा क्षेत्र में सफलता की ओर पहुँचने में मदद कर सकता है। ज्योतिष के अनुसार, यह रत्न ज्ञान और बुद्धि को बढ़ावा देता है, जिससे विद्यार्थी अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।

पुखराज रत्न के नुकसान-पीला पुखराज पहनने की विधि

ज्योतिष के अनुसार, पुखराज पहनने के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं: अगर किसी की कुंडली में योग्यता नहीं है, तो पुखराज पहनने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे मोटापा, पेट से जुड़ी बीमारियां, और ब्लड प्रेशर की समस्या।अगर कुंडली में गुरु के साथ संबंध अशुभ हैं, तो पुखराज पहनने से व्यक्ति का धार्मिक आस्था में कमजोरी हो सकती है और वह नास्तिक बन सकता है।

पीला पुखराज पहनने की विधि
पीला पुखराज पहनने की विधि

पुखराज रत्न किस धातु में पहने-

पुखराज को चांदी या सोने की अंगूठी में पहना जा सकता है. ज्योतिष के मुताबिक, बृहस्पति ग्रह का रत्न होने की वजह से पुखराज को गुरुवार के दिन पहनना चाहिए, काभी कभी होता क्या हे , की आपकी कुंडली मे चंद्रमा अच्छी जगह होता हे , लेकिन गुरु अपनी सही जगह नहीं होता हे , अब प्रॉब्लेम ये हे की आपकी लग्न के हिसाब से गुरु + चंद्रमा + मूंगा आपको सूट करते हे , मगर अगर गुरु गलत जगह पे हो तो उतना गुरु के लाभ मे थोड़ा कमी आ जाती हे |

तो हमे पुखराज पहनना जरूरी तो हो जाता हे लेकिन उसे सपोर्ट देना होता हे , तो चंद्रमा आपका अच्छा होगा तो हमे चंद्रमा का सपोर्ट लेने के लिय चांदी का सपोर्ट लेना होता हे , इसलिय हमे पुखरज को चांदी मे भी पहनना चाहिए |

पुखराज पहनने के नियम-

पुखराज को हमेशा सोने की अंगूठी में ही पहनना चाहिए. इससे यह रत्न आपके जीवन में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.

इसे पहनने से पहले गंगाजल और दूध से धोकर पवित्र करें. इससे पुखराज का प्रभाव अधिक हो सकता है.

इसे शुक्ल पक्ष के गुरुवार के दिन पहनना चाहिए. इससे यह रत्न अधिक प्रभावशाली होता है.

इसे सुबह स्नान करके सूर्योदय से लेकर 11 बजे के पहले तक पहनना चाहिए. यह समय पुखराज के प्रभाव को बढ़ा सकता है.

इसे तर्जनी उंगली में पहनना चाहिए. यह आपके जीवन को सुखद बना सकता है.

4 रत्ती से कम वज़न का पुखराज फलदायी नहीं होता. यह सही चयन से ही आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.

अंगूठी पहनने के दिन से पुखराज का असर 4 साल 3 महीने 18 दिन तक रहता है. और इसके 15 दिनों बाद ही व्यक्ति पर इसका असर दिखने लगता है |

पीला पुखराज पहनने की विधि
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पुखराज धारण करने का मंत्र-

ज्योतिष के अनुसार, पुखराज रत्न धारण करने से प्राकृतिक ऊर्जा में सुधार होता है। इसे धारण करने से पहले एक शुभ मुहूर्त में देव गुरु बृहस्पति की पूजा करना और  उसके साथ साथ आपको  ‘ॐ बृं बृहस्पतये नमः’ मंत्र का जाप करते रहना चाहिए |

‘ॐ स्त्रीं ब्रह्म बृहस्पतये नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करते हुए पुखराज को गंगाजल और गाय के कच्चे दूध में डुबोकर शुद्ध करना चाहिए। इससे आपकी ऊर्जा में सकारात्मक परिवर्तन होगा।

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 तांत्रिक मंत्रों का उपयोग

मंत्र पढ़ने में कठिनाई होने पर, ‘ॐ ज्रॉं ज्रीं ज्रौं स: गुरुवे नम:’ तांत्रिक मंत्र की माला जप करके भी पुखराज को धारण किया जा सकता है। यह मंत्र आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का माध्यम हो सकता है।

 राशियों के अनुसार पुखराज रत्न

ज्योतिष के अनुसार, धनु और मीन राशि के लोगों को जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए पुखराज रत्न धारण करना चाहिए। इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और समाज में प्रतिष्ठा मिलती है।

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